Corona par Kavita | दबंग कोरोना
दबंग कोरोना
( Dabang Corona )
ये हाल है
और पूछते हैं कि क्या हाल है?
अरे यह कोरोना है
दबंग हैं
सब इससे तंग है।
धर लेता तो
नहीं देखता धनी निर्धन
सरकारों की भी परीक्षा लेता है
देखो वह झूठ कितना बोलता है
उनकी पोल पट्टी सब खोलता है
अफसरों की हनक हो या
नेताओं की सनक
नतमस्तक हैं सब इसके सामने,
सीधे भेजता है मसान में;
रहो चाहे कितने ऊंचे मकान में!
लेखक– मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।
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