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हाँ कभी भी न देना दग़ा तू मुझे | Daga shayari

हाँ कभी भी न देना दग़ा तू मुझे

( Haan kabhi bhi na dena daga tu mujhe )

 

हाँ कभी भी न देना दग़ा तू मुझे
प्यार करना वफ़ा से सदा तू मुझे

 

जीस्त से दूर हो ग़म सभी उम्रभर
आज ऐसी कोई दे दुआ तू मुझे

 

प्यार का ही चढ़ा है तेरे जो बुखार
प्यार की वो सनम दे दवा तू मुझे

 

गुफ़्तगू रोज़ करना सनम प्यार की
प्यार में ही न देना जफ़ा तू मुझे

 

दोस्त टूटे मगर दिल को आये क़रार
आज  ऐसी  ग़ज़ल  दे  सुना तू मुझे

 

फ़ासिला यूं नहीं कर सनम आज़म से
हाँ  बना  ले  अपना  रहनुमा  तू मुझे

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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