दर्द इतने मिले जिंदगी से | Dard bhari ghazal in Hindi
दर्द इतने मिले जिंदगी से
( Dard itne mile zindagi se )
दर्द इतने मिले जिंदगी से
दूर हम हो गये ख़ुशी से
प्यार से ही गले मिल आकर तू
दिल दुखता है तेरी बेरुख़ी से
कर दें रब जीस्त मेरी अमीरी
जिंदगी है भरी मुफ़लिसी से
लौट आ शहर से गांव में तू
दिल उदास है तेरी कमी से
दिल से कैसे जुदा मैं करुँगा
दिल भरा है तेरी दोस्ती से
दिल दुखाकर गया वो वफ़ा में
है गिला रोज़ अब तो उसी से
की वफ़ा में दग़ा खायी “आज़म”
दिल नहीं मिलता है अब किसी से