
हर घड़ी मिलता रहे दीदार तेरा
(Har Ghadi Milata Rahe Didar Tera)
हर घड़ी मिलता रहे दीदार तेरा
जिंदगी को चाहिए बस प्यार तेरा
सोचता हूँ मैं तुझे बाँहों में भर लूँ
खींचता है दिल को ये श्रॄंगार तेरा
ढ़ूंढ़ता है हर जगह ये बस तुझे ही
मेरा दिल है इस कदर बीमार तेरा
देखकर तुझको ही जिंदा हूँ सनम मैं
दिल की धड़कन से जुड़ा है तार तेरा
दर्द है लेकिन मज़ा भी कम नहीं है
हो गया है तीर दिल के पार तेरा
प्यार है तुझको भी मुझसे बोल दे तू
जान ले लेगा मेरी इंकार तेरा
बात चलती है कभी जब शायरी की
जिक्र आता है “अहद “हर बार तेरा
शायर:– अमित ‘अहद’
गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129
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