Aadmi ko Aadmi ka Sath
Aadmi ko Aadmi ka Sath

आदमी को आदमी का साथ देना चाहिए

( Aadmi ko Aadmi ka Sath Dena Chahiye )

 

गिर पड़े लाचार कोई हमें हाथ देना चाहिए।
आदमी को आदमी का साथ देना चाहिए।

महक जाए महफिल सारी देख मुस्कान को।
खुशियां झोली में सबकी नाथ देना चाहिए।

झर झर मीठी वाणी है अघरों से रसधार बहे।
सच्चे मन से जप नाम भोलेनाथ लेना चाहिए।

गीतों में बहारों में दुनिया के हसीं नजारों में।
हिलमिल हमें इक दूजे का साथ देना चाहिए।

चैन आ जाए हमको देखकर वो प्यारा चेहरा।
दिलबर पुकारे तो बढ़कर हाथ देना चाहिए।

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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