दिल को | Dil ki Shayari
दिल को
( Dil ko )
बे -इंतहा,
बे – हिसाब,
बे – पनाह,
बे- पायान
प्यार है ‘ गर
दिल को
बे – इंतहा,
बे – हिसाब,
बे- पनाह,
बे -पायान
दर्द भी होता है उस
दिल को..
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
( Dil ko )
बे -इंतहा,
बे – हिसाब,
बे – पनाह,
बे- पायान
प्यार है ‘ गर
दिल को
बे – इंतहा,
बे – हिसाब,
बे- पनाह,
बे -पायान
दर्द भी होता है उस
दिल को..
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
आदत नहीं है मेरे दोस्तों, मुहब्बत है यह ( Aadat nahi hai mere dosto muhabbat hai yah ) एक अनोखा रिश्ता शब् से बदलती कहाँ है पत्थर है तो दरिया में से उभरती कहाँ है आदत नहीं है मेरे दोस्तों, मुहब्बत है यह मेरे चाहने भर से यह छूटती कहाँ है जान…
लकीर ( lakeer ) हाथों की उलझी लकीरों में, तेरा नाम ढूंढ रहा हूँ। इक बार नही कोशिश ये, बार बार कर रहा हूँ। शायद नही तू किस्मत में, एहसास कर रहा हूँ। फिर भी हृदय से कोशिश मैं, हर बार कर रहा हूँ। कुछ रेखाएं ऐसी है जो, कुछ दूरी तक…
ग़र्ज़ के रिश्ते ( Garz ke Rishte ) कुछ एक रिश्ते ऐसे भी होते हैं, जो बिना ग़र्ज़ के बने होते हैं, उनकी शानो-शौकत न देखी जाती, जिनको हमारे दिल ने चुने होते हैं, ग़र्ज़ के रिश्तों में चाहत के निशाँ न मिले, उनमें तो महज़ ग़र्ज़ के धूल भरे होते हैं, ग़र्ज़ की…
कर गये बदनाम ( Kar gaye badnam ) नजरों मे उनकी अनदेखा हो गये जिंदगी मे आज तन्हा हो गये कर गये बदनाम ऐसा वो हमें प्यार मे हम आज रुसवा हो गये पेश आये इस तरह से आज वो प्यार के हर शब्द खारा हो गये वो हक़ीक़त मे हमारे…
आज उसका निकाह है आज़म ( Aaj usaka nikah hai Aazam ) आज उसका निकाह है आज़म यूं नम आँखें निग़ाह है आज़म लोग डूबे गरुर में अपने कब ग़ज़ल पर ही वाह है आज़म हाल उसनें पूछा नहीं आकर ठहरा उसके नवाह है आज़म जां बचे उस गरीब की…
याद करते थे भुलाने में लगे याद करते थे भुलाने में लगे! वो पराया अब बनाने में लगे सच बताकर वो ही सबसे झूठ को दाग दामन से मिटाने में लगे दोष क्या दूँ मैं औरो को देखिए घर मेरा अपनें ही जलाने में लगे दिल दुखाकर वो वफ़ा में…