दोस्त वीरान ये जिंदगी है अभी
दोस्त वीरान ये जिंदगी है अभी
दोस्त वीरान ये जिंदगी है अभी
दूर मेरे ही दिल से ख़ुशी है अभी
जोड़ा उससे नहीं दोस्ती का रिश्ता
वो मेरे ही लिये अजनबी है अभी
भूलने की कोशिश कर ली उसकी बहुत
दिल में उसके लिये बेकली है अभी
देख लिया प्यार का फूल भी देकर के
दिल में उसकी भरी बेरुख़ी है कभी
प्यार का ऐसा उसके चढ़ा है नशा
उतरी उसकी नहीं बेख़ुदी है अभी
प्यार का फूल भेजा नहीं क्या उसे
उसको नाराज़गी हो रही है कभी
जिंदगी से हुऐ दूर मेरे नहीं ग़म मगर
अश्कों से आज़म आंखें भरी है अभी
️
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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