महात्मा गांधी के महाप्रयाण दिवस पर मेरे भाव
गांधी जी का महाप्रयाण दिवस
बापू को पल – पल नमन करे ,क्षण – क्षण स्मरण करे ।।ध्रुव॥
मन प्राणों की पुलकन को
चैतन्य पूर्ण चितवन को
संघर्षों के पुरोधा को
करुणा के सागर को
जीवन के संजीवन को
गुण रत्नाकर बापू को नमन करे ।
बापू को पल – पल नमन करे ,क्षण – क्षण स्मरण करे ।।ध्रुव॥
अहिंसा सादगी से ओत- प्रोत
मन को हरने वाला था जीवन ।
बापू का वचनामृत जड़ में
नव पुलकन भरने वाला था ।
बापू के गुणों को अपनाकर
जीवन में मंगल – कलश भरे ।
बापू को पल – पल नमन करे ,क्षण – क्षण स्मरण करे ।।ध्रुव॥
ओजस्विता सहजता के पुरोधा
युग सर्जक युग नायक थे ।
मानव – मानस के संयोजक
मानवता के प्रवर्तक थे ।
लीला पुरुष प्रखर पुरोधा
बापू का जीवन स्मरण करे ।
बापू को पल – पल नमन करे ,क्षण – क्षण स्मरण करे ।।ध्रुव॥
घोर निशा में किया उजाला
निर्बल को दिया सहारा ।
जीर्ण – शीर्ण संस्कारो की
प्रतिमा का पुनरुद्धार किया ।
देश की अखंडता – अक्षुणता में
बापू ने अमूल्य योगदान दिया ।
बापू को पल – पल नमन करे ,क्षण – क्षण स्मरण करे ।।ध्रुव॥
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)