Geet dil tod kar
Geet dil tod kar

दिल तोड़कर

( Dil tod kar )

 

दिल तोड़कर ग़म से ही प्यार कर दिया!

दिल इस क़दर  मेरा आजार कर दिया

ये क्या हाये  तूने ये यार कर दिया

क्यूं बेसहारा यूं  बेदर्द कर दिया

 

ये जिंदगी अकेली ऐसी हो गयी

के भीड़ में तन्हाई का अहसास हो

ऐसा मिला मुहब्बत में ही हिज्र है

 

जाऊं  किधर  तन्हा टूटे दिल को लिए

दिल को नहीं मिले है चैन इक पल भी

के इस क़दर सहे उल्फ़त के ही सितम

यूं मुझको  नींद से बेदार कर दिया

 

माना उसे अपना यारों नसीब था

निकला जहन का धोखा वो ही ऐ आज़म

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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