घर में पधारो गजानंद जी | Ghar me Padharo Gajanan ji
घर में पधारो गजानंद जी
( Ghar me padharo Gajanan ji )
घर में पधारो गजानंदजी आओ आंगणिया आओ।
लंबोदर महाराज गणेश रिद्धि सिद्धि संग लाओ।
दूंद दुंदाला सुंड सुंडाला विघ्नहर्ता गजानन देवा।
श्रीगणेश गणपति गदाधर गौरी सुवन प्रथम देवा।
शिवशंकर गौरीसुत प्यारे आय भरो भंडार हमारे।
सजा धजा दरबार निराला आओ गणपति प्यारे।
यश कीर्ति श्री वैभव दाता मंगल मूर्ति हे गणराज।
बुद्धिविधाता वरदविनायक सफल करो सब काज।
सिद्धि प्रिया सब सुखदाता वीर गणपति महाराज।
सुमुख स्वरूप सुंदर सोहे पीतांबर हे भूपति राज।
देव चतुर्भुज एकदंत विनायक गणपति अवनीश।
मूषकवाहन वक्रतुंड हे देव गणेश प्रथम पूज्य ईश।
अमित मनोहर सुंदर मूरत विद्यावारिधि विश्वराज।
भालचंद्र गणपति कृपाकर गणनायक गणराज।
सकल सुमंगलदायक मोदक प्रिय मुद मंगल दाता।
घर में पधारो महाराज हे गजानंद आओ सुखदाता।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )