घर | Ghar par kavita
घर
( Ghar )
सोने बैठने रहने का ठिकाना है
सबसे सुंदर आशियाना है घर।।
जहां मां बाप भाई हैं बेटा बेटी और लुगाई है
जहां अपने है जीवन के सपने हैं
जहां हर तरह का बहाना है
ऐसा ठिकाना है घर…..
थक हार कर जब स्कूल से आते हैं
घर पर ही आराम पाते हैं
जहां घर है वहीं परिवार है
जहां परिवार है वही सुख संसार है
वहीं जीवन का तराना है
ऐसा ठिकाना है घर…..
घर छोटा होता है घर बड़ा होता है
पर हमेशा नजरों में बड़ा होता है
जहां ममता की छांव है खेलने का ठाव है
जहां रिश्ता पुराना है
ऐसा ठिकाना है घर….
जहां हंसना होता है जहां रोना होता है
जहां जागना होता है जहां सोना होता है
जहां आना होता है जहां जाना होता है
जहां प्यार है जीवन की बहार है
हर पल मौसम सुहाना है
ऐसा ठिकाना है घर….