मौसम | Beautiful Ghazal In Hindi
मौसम
( Mausam )
फिर बदलने को है
हवा सर्द होने जो लगे
धूप सुस्ताने लगे
चलो ,आओ,
इन कपड़ों,
पापड़, आचार के संग
फूफूंद लग रहे ये
अपने रिश्ते भी
कुछ देर
धूप में रख दें
फिर से ये
ताजा दम हो
कुछ निखर जायेंगे
कुछ संवर जायेंगे….
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )