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लापता कर गया | Ghazal Shayari

लापता कर गया

( Laapata kar gaya )

 

तंज़ के तीर सारे चला कर गया।
है बिछड़ के बहुत ख़ुश बता कर गया।

ज़ख़्म फिर से हमारा हरा हो गया
कौन उसका यहां तज़किरा कर गया।

दी रिहाई हमें इश्क़ की क़ैद से
ख़त्म वो प्यार का सिलसिला कर गया।

तोड़ कर दिल हमारा गया इस दफ़ा
बेहिसी देखिए मुस्करा कर गया।

जान कर बात ये वो हुआ और का
दिल हमारा उसी से गिला कर गया।

जान था इश्क़ था रूह जो शख़्स था
शख़्स वो ही हमें लापता कर गया।

अब नयन भूलना ही उसे ठीक है
साथ जो इस तरह से दगा कर गया।

 

सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया  ( उत्तर प्रदेश )

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