है मुहब्बत जिंदगी की ये रवानी

Ghazal | Amazing Urdu Poetry -है मुहब्बत जिंदगी की ये रवानी

है मुहब्बत जिंदगी की ये रवानी

 

( Hai Muhabbat Jindagi Ki Ye Rawani )

 

 

है मुहब्बत जिंदगी की ये रवानी

छोड़ दें तू दुश्मनी की ये रवानी

 

प्यार की बातें करे मेरे सनम का

छोड़ तू नाराज़गी की ये रवानी

 

क्या मिलेगा यूं ख़फ़ा होकर सनम यूं

भर ले दिल में आशिक़ी की ये रवानी

 

वरना तेरा घर बिखर जायेगा देखो

छोड़ दें तू मयकशी की ये रवानी

 

कुछ नहीं रक्खा अदावत में सनम यूं

दिल में कर लें दोस्ती की ये रवानी

 

जिंदगी भर के लिए उससे मिला रब

दिल में जिसकी बेकली की ये रवानी

 

प्यार का दें फ़ूल आज़म को सनम तू

छोड़ भी अब बेरुख़ी की ये रवानी

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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