उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री
उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री

उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री

 

( Usase Hui Ulfat Ki Baat Aakhari )

 

 

उससे हुई उल्फ़त की बात आख़री

होना जुदा उससे मुलाक़ात आख़री

 

हां रास शहर की बरसातें आयी कब

है प्यार की मुझपे बरसात आख़री

 

ग़म दर्द अश्क़ आंखों में मिले मेरी

वो प्यार लिक्खे अब नग्मात आख़री

 

परदेश जा रहा  लौटेगा जाने कब

की आज उससे मेरा साथ आख़री

 

अब भूल जाने का मौसम आया उसे

है दिल में यादों की बरसात आख़री

 

कल सुब्ह लौटना है आज़म गांव को

इस शहर में है मेरी रात आख़री !

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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