है वो आज़म गुलाब सा चेहरा
है वो आज़म गुलाब सा चेहरा
है वो आज़म गुलाब सा चेहरा !
जैसा हुस्ने शबाब सा चेहरा ।।
मैं पढ़ूँ उसके शब्द उल्फ़त के ।
वो दिखे पर क़िताब सा चेहरा।।
देखकर प्यार का नशा होता।
है वो ऐसा शराब सा चेहरा।।
प्यार आता बहुत मुझे उस पर ।
है वो मेरे ज़नाब सा चेहरा।।
नींद से है भरा हंसी चेहरा।
वो लगे जैसे ख़्वाब सा चेहरा ।।
हुस्न से महके सांसें आज़म की।
छाया मुझपे शबाब सा चेहरा।।