Ham Sawan na Bhoole
Ham Sawan na Bhoole

हम सावन न भूले

( Ham sawan na bhoole) 

 

छन्नी कभी तक वो तन न भूले
वो ग़म भरा हम सावन न भूले

बदला तुझी से लेंगे अदू हम
उजड़ा कभी तक गुलशन न भूले

सैनिक तुझे मारेगा किसी दिन
औक़ात अभी वो दुश्मन न भूले

गिनकर अदू लेंगे तुझसे बदला
वो खू भरा हम दामन न भूले

जिसका न बदला तूने लिया है
ऐ राम कभी तक रावन न भूले

ज़ख्मी किया जो चेहरा अदू ने
वो आज तक दर्पन न भूले

लिपटा हुआ ग़म की धूल में था
आज़म अभी तक बचपन न भूले

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें :-

भारत की धरती | Bharat ki Dharti

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here