हमने देखी है | Hamne Dekhi Hai
हमने देखी है
( Hamne Dekhi Hai )
वह्म जैसी कोई बला ही नहीं।
इस मरज़़ की कहीं दवा ही नहीं।
हमने देखी है हम बताएंगे।
हिज्र जैसी कोई सज़ा ही नहीं।
लाख कोशां रहे अ़दू लेकिन।
क़द हमारा कभी घटा ही नहीं।
ज़ुल्म ढाता है रात दिन फिर भी।
उसकी नज़रों में ये ख़ता ही नहीं।
अ़हदे ह़ाज़िर में बेज़मीर इन्सां।
बे-ह़या भी है,बे-वफ़ा ही नहीं।
इ़श्क़ का रोग ऐ मिरे दिलबर।
ला-सुकूं भी है ला-दवा ही नहीं।
क्या ये उल्फ़त है बोलिए साह़िब।
देख कर मुझ को वो हंसा ही नहीं।
वो बिछड़ कर फ़राज़ रोएगा।
उसको अहसास तक हुआ ही नहीं।
पीपलसानवी
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