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इश्क़ करके गुनाह करते हैं | Hindi Ishq Shayari

इश्क़ करके गुनाह करते हैं

( Ishq karke gunah karte hain ) 

 

जिस्म की जो भी चाह करते हैं
इश्क़ करके गुनाह करते हैं

राब्ते हर किसी के बस में कहां
करने वाले निबाह करते हैं

एक लड़की के प्यार में लड़के
ज़िंदगी क्यों तबाह करते हैं

दर्द समझा है कौन ग़ज़लों में
करने वाले तो वाह करते हैं

हम दिवानों का काम बस ये है
इश्क कहते हैं आह करते हैं

तेरी उल्फत न मिल सकी तो क्या
तेरे ग़म से निकाह करते हैं

जो कभी नाम भी न लेते थे
आज फ़ैसल को शाह करते हैं

 

शायर: शाह फ़ैसल मुजफ्फराबादी
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)
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