हिंदी मेरी शान है | Hindi Meri Shaan
हिंदी मेरी शान है
( Hindi Meri Shaan )
हिंदी मेरी शान है, हिंदी मेरी सरल पहचान।
हिंदी मेरा वतन है, नित्य करूं मैं गुणगान।।
हिंदी मेरी भाषा है, राष्ट्रभाषा सदा महान।
हिंदी मेरी मातृभाषा, मातृभूमि का वरदान।।
हिंदी मेरा सम्मान है, हिंदी राष्ट्र स्वाभिमान।
हिंदी मेरे तन मन रहे, हिंदी मेरा अभिमान।।
हिंदी की सेवा मैं करूं, श्री चरण में वंदन।
हिंदी की रक्षा में सदा, अर्पण करूं जीवन।।
हिंदी ही मेरी जान है, हिंदी मेरा हिंदुस्तान।
हिंदी मेरी धड़कन में, जीवन मेरा कुर्बान।।
हिंदी भारतवर्ष में, सर्व धर्म का समाधान।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, राष्ट्र में योगदान।।
हिंदी में सबका सार है, गीता ग्रंथ रामायण।
हिंदी सबकी जननी है, जग में एक प्रमाण।।
हिंदी से जल जंगल जमीन, हिंदी से किसान।
हिंदी राष्ट्र भारत की सुरक्षा, करे मेरा जवान।।
हिंदी सृजन सागर में, हिंदी का नव-निर्माण।
हिंदी नवरंगो से पूर्ण, इंद्रधनुष है एक प्रमाण।।
हिंदी भाषा श्रेष्ठ विश्व में, मेरा भारत महान।
हिंदी विश्वगुरु बनकर, भारत हो कीर्तिमान।।
हरिदास बड़ोदे ‘हरिप्रेम’
शिक्षाविद/गीतकार/लोकगायक/समाजसेवी
आमला, जिला- बैतूल (मध्यप्रदेश)