हिंदी राष्ट्र धरोहर है | Kavita Hindi rashtra dharohar hai
हिंदी राष्ट्र धरोहर है
( Hindi rashtra dharohar hai )
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सबकी प्यारी सबकी दुलारी-
मनभावन व मनोहर है,
हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
देश को आपस में जोड़ने वाली,
हृदय से हृदय को पहुंचने वाली ।
कानों में मिसिरी घोलने वाली,
मीठी सुरीली, है अद्भुत अलबेली ;
छात्र/छात्राओं की है सहेली ।
संपूर्ण धरा पर जिसका समादर है,
भाषाओं की यह रत्नाकर है;
हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
हृदय में संजोएं मातृभाषा,
रखें सदैव इसी से आशा।
न आने दें मन में भाव निराशा,
करेंगे उन्नति बेतहाशा।
ज्ञान की यह सरोवर है,
हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम,
प्रकाश न होता कभी इसका मद्धिम।
इसके बिना न कोई त्योहार,
इससे अच्छा ना कोई व्यवहार;
बदल कर रख दी इसने दुनिया संसार।
तभी तो सबकी सहोदर है,
हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
इसके विकास को हम तत्पर हैं,
विदेशों में भी यह अग्रसर है।
चीन जापान अमेरिका में भी पूछ बढ़ी है,
वहां खुली कई हिंदी यूनिवर्सिटी है।
ज्ञान प्रभा बरसाने वाली यह प्रभाकर है,
इसके तेज के आगे मद्धिम भी दिवाकर है
हिंदी राष्ट्र धरोहर है।
जय हिन्दी जय भारत।
लेखक– मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।