करते रोज़ शरारत हम तो बच्चें है | Hum to bache hai
करते रोज़ शरारत हम तो बच्चें है
( Karte roz shararat hum to bache hai )
करते रोज़ शरारत हम तो बच्चें है
दिल से ही हम तो ए लोगों सच्चे है
न बुरायी करते दोस्त किसी की भी यें
बच्चें दिल के होते इतने अच्छे है
बोले बच्चें न किसी से दिल की बातें
दिल में ही अरमान न जाने कितने है
मत छेड़ो बच्चों को खेलने दो इनको
दिल के नाजुक बच्चें प्यारे सीधे है
बच्चों की यार अदा अच्छी लगती यें
रोज़ गली में जो यें बच्चें खेले है
फ़ूल मिलेंगे कब खुशियों के राहों में
रोज़ भरे राहों में ग़म के काँटें है
औरों से करता रोज़ शिकायत मैं तो
निकले देखो आज़म दुश्मन अपने है