जब भी मिला तो आँख मिलाकर नहीं मिला
जब भी मिला तो आँख मिलाकर नहीं मिला

जब भी मिला तो आँख मिलाकर नहीं मिला

 

 

जब भी मिला तो आँख मिलाकर नहीं मिला

दुश्मन भी मेरे कद के बराबर नहीं मिला

 

घर उसका मिल गया है, वो घर पर नहीं मिला

यानी पता तो मिल गया नंबर नहीं मिला

 

लड़की को पूरी छूट मिली भी तो घर ही तक

पंछी को पर मिला भी तो अम्बर नहीं मिला

 

ये बात और है कि मुहब्बत है आज भी

वो बात और है कि मुकद्दर नहीं मिला

 

दावा है उसका साथ निभाएगा उम्र भर

मिलने के नाम पर जो घड़ी भर नहीं मिला

 

उस वक्त दोस्तों की बड़ी याद आ गयी

जिस वक्त मुझको राह मे पत्थर नहीं मिला

 

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शायर:  Arshiyan Ali Warsi

 

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