आप जब बोलेंगे तो सब,बोलने लग जाएंगे
आप जब बोलेंगे तो सब,बोलने लग जाएंगे
आप जब बोलेंगे तो सब, बोलने लग पायेंगे !
आप चुप होंगे तो सारे, लोग चुप हो जाएंगे !!
आप चल दें तो सफर, हरएक हो सकता शुरू
आप ठहरेंगे तो सब के, पांव भी रुक जाएंगे !!
आप अपना जर्फ दुनिया,में अगर दिखलाएंगे
हादसे खुशनुमाई की , मिसालें बन जाएंगे !!
आप ही से इब्तिदा -ए- दास्ताने जिन्दगी है
आप इसके सब सवालों, के जवाब बनाएंगे !!
आपने बांटी हैं सबको, तोहमतें और लानतें
अब दुआऍं बाॅंटिये सब, लोग खुश हो जाएंगे !!
आपने पाये जहाँ से, दर्दो – गम ये बेहिसाब
आप खुशियों की नियामत,भी वहीं से पाएंगे !!
आप मुश्किल के अन्धेरों, में अगर घिर जाएंगे
आपके औसान ही तब, रौशनी बन जाएंगे !!
आपकी”आकाश”तक की,मंजिलों तकआपको
आपके ही हौसलों के, पंख ले कर जाएंगे !!
कवि : मनोहर चौबे “आकाश”
19 / A पावन भूमि ,
शक्ति नगर , जबलपुर .
482 001
( मध्य प्रदेश )