Jai Kanhaiya Lal ki

जय कन्हैया लाल की

( Jai Kanhaiya Lal ki ) 

 

कलयुग में हो रहा, द्वापर सा अहसास

नंद के आनंद भयो,
जय कन्हैया लाल की ।
श्री हरि आठवें अवतार,
जय राधा रमण गोपाल की ।
हिंद धरा हृदय पटल ,
अप्रतिम कन्हाई उजास ।
कलयुग में हो रहा,द्वापर सा अहसास ।।

जन भाव रंग तरंग,
सनातनी आभा श्रृंगार ।
उर अथाह स्नेह प्रेम ,
आस्था पथ साकार ।
अनैतिकता मूल विलोपन,
उमड़ रहा अनंत साहस ।
कलयुग में हो रहा,द्वापर सा अहसास ।।

निज संस्कृति संस्कार ,
दर्शित अति पुलकित ।
परंपराएं लोक रंग भर,
पावनता संग प्रफुल्लित ।
जन्माष्टमी दिव्यता का,
चारों ओर हर्षोल्लास।
कलयुग में हो रहा, द्वापर सा अहसास ।।

पुनीत अंतर्मन आह्लाद ,
कृष्ण जन्म शुभकामनाएं
मथुरा बना सारा परिवेश,
श्री मंदिर पूजा प्रार्थनाएं ।
आध्यात्म परम शिखर पर ,
हिंदुत्व फिर बना खास ।
कलयुग में हो रहा, द्वापर सा अहसास ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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