Hindi Poetry On Life | Sad Shayari -जीवन में ऐसा लम्हा है
जीवन में ऐसा लम्हा है
( Jeevan Mein Aisa Lamha Hai )
जीवन में ऐसा लम्हा है
रोज ग़मों का ही साया है
उल्फ़त में टूटा दिल जब से
चैन नहीं दिल को आता है
वादा था आने का उसका
न कभी फ़िर वो ही आया है
वो पास नहीं लेकिन उसकी
यादों का छाया पहरा है
कैसे दोस्त मिलाऊँ आंखें
आंखों में उसकी धोखा है
नफ़रत की वो करता बातें
न मुहब्बत से वो बोला है
झूठा निकला है उल्फ़त में
न वही आज़म अब मिलता है
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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