जो पेड़ था नीम का

जो पेड़ था नीम का | Poem on neem ka ped

 जो पेड़ था नीम का

( Jo ped tha neem ka )

 

गांव में मेरे पेड़ था नीम का

कट गया वो जो पेड़ था नीम का

 

खेला करते थे जहां सब प्यार से

वो नहीं है जो पेड़ था नीम का

 

बन गये पक्के मकां देखो जिधर

गिर गया वो जो  पेड़ था नीम का

 

कच्ची गलियां थी अब पक्की सड़कें है

पर नहीं  कोई पेड़ था नीम का

 

कंचे कैसे खेलेगे हम छाओं नहीं

दूर तक देखो न पेड़ था नीम का

 

लोगों ने उसको गिरा यारों दिया

 छाओं देता जो पेड़ था नीम का

 

प्यार की आज़म हवा कैसे चले

काट डाला वो  पेड़ था नीम का

 

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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