कड़वी बातें | Kadvi Baatein
कड़वी बातें
( Kadvi baatein )
आधुनिकता की होड़ में अश्लील होते जा रहे हैं,
यूँ लग रहा है अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं!
शरीर की सौम्यता खूबसूरती है बदन ढंकने में
नुमाइश की आड़ में देखो यह नग्न होते जा रहे हैं!-1
आधुनिकता की होड़ में अश्लील होते जा रहे हैं।
ट्रेंडिंग के नाम पर फटे कपड़े पहनते जा रहे हैं,
बच्चों के मन में बेशर्मी के बीज बोते जा रहे हैं,
सेलिब्रिटी की चकाचौंध से व्यर्थ प्रभावित होकर
अनजाने में दुष्कर्म की हदें पार करते जा रहे हैं!-2
आधुनिकता की होड़ में अश्लील होते जा रहे हैं।
फूहड़ता को भयंकर बढ़ावा देते जा रहे है,
हास्य व्यंग कॉमेडी का कचरा करते जा रहे हैं,
ज़्यादा लाइक कमेंट फॉलोअर्स पाने की खातिर
यह किस तरह के भारत का निर्माण करते जा रहे हैं!
आधुनिकता की होड़ में अश्लील होते जा रहे हैं।
कवि : सुमित मानधना ‘गौरव’
सूरत ( गुजरात )