Kali Maa ka Geet
Kali Maa ka Geet

मां तेरी लाल चुनरिया

( Maan teri laal chunariya ) 

 

मां तेरी लाल चुनरिया, लाल तेरी ध्वजा बिराजे।
सजा दरबार निराला, मां शंख चक्र गदा साजे।
मां तेरी लाल चुनरिया

शक्ति स्वरूपा गौरी, हे माता जग कल्याणी।
दमके किस्मत के तारे, हे अंबे मां वरदानी।
संकट सारे हरना मेरे, मां हो सिंह सवार बिराजे।
मां भक्तों की रखवाली, मंदिर ढोल नगाड़ा बाजे।
मां तेरी लाल चुनरिया

जय काली माता भवानी, आराधक साधक गाते।
गीतों में भजन तिहारे, भक्त सब झूम झूमकर गाते।
मंदिर में जोत अखंड, जागरण जात जडूले बिराजे।
भरती सबके भंडार भवानी, घट घट मूरत मां साजे।
मां तेरी लाल चुनरिया

मां सबके दुखड़े हरती, तू यश कीर्ति वैभव दाता।
मन मंदिर पूजा तेरी, आशाओं का दीप जलाता।
झोली सबकी भर देती, चहूं दिशा में डंका बाजे।
तू रणचंडी महाकाली, तेरी दर आते किस्मत वाले।
मां तेरी लाल चुनरिया

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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