कर गये बदनाम

कर गये बदनाम | Kar gaye badnam | Ghazal

कर गये बदनाम

( Kar gaye badnam )

 

नजरों मे उनकी अनदेखा हो गये

जिंदगी मे आज तन्हा हो गये

 

कर गये बदनाम ऐसा वो हमें

प्यार मे हम आज रुसवा हो गये

 

पेश आये इस तरह से आज वो

प्यार के हर शब्द खारा हो गये

 

वो हक़ीक़त मे हमारे कब हुऐ

याद के वो दिल मे लम्हा हो गये

 

नफ़रतों के तीर ऐसे  चले

प्यार के वो मंजर शोला हो गये

 

ऐसे खाये मंजिलो के रास्ते

अब यादों के ही हिस्सा हो गये

 

तोड़कर आज़म गये रिश्ता वफ़ा

अब लबों पे वो किस्सा हो गये

 

 

शायर: आज़म नैय्यर

( सहारनपुर )

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