कथा सम्राट | Katha Samrat
‘कथा सम्राट’
( Katha samrat )
सरल व्यक्तित्व के धनी
नाम था धनपत राय,
लमही गांव में जन्मे
प्रसिद्ध कथाओं के सम्राट,
संघर्षो से भरे जीवन को
लेखनी में ऐसा ढाला।
कालजयी हो गई फिर
उपन्यासों की हरेक धारा,
रचनाओं में जन- जीवन को
गहराई से था उतारा।
समाज की अव्यवस्थाओं
पर किया कड़ा प्रहार,
आडम्बरों और पाखंडो
का कर दिया पर्दाफाश।
जात- पात के उलझे
जाले को दर्शाया,
कुरीतियों से जनमानस
को अवगत कराया।
अमीरी -गरीबी के
कुचक्र में घिरा समाज,
भेद- भाव से ऊपर
न उठकर आया समाज।
रिश्ते -नातों के कांटे
जीवन भर चुभते जाये,
मानवीय रिश्तों के नये
आयाम उभर कर आये।
मुंशी जी ने किया हर
पात्र के साथ इंसाफ।
वर्तमान में भी घर-घर
प्रताड़ित मिलती ‘बूढ़ी काकी’
‘कफ़न’को तरसती दिख
जाती कई अबला नारी।
आज भी कुप्रथाएँ खेले
‘शतरंज के खिलाड़ी‘
‘ठाकुर का कुआँ’ कहां
बुझाता प्यासों की अब प्यास,
अनमोल उस कलम ने
असमानता को सामने लाया,
शत -शत नमन कथा सम्राट
बन साहित्य जगत का तारा,
तुमने अपने अमर साहित्य से
समाज को दर्पण दिखाया।
वर्तमान में सार्थक कलम
बिन देखो कैसा संकट छाया,
धर्म और राजनीति के नाम
पर झगड़ रहा संसार सारा ,
कलम चले फिर प्रेमचंद सी
तो आये जग में आमूलचूल
बदलाव।
शैली भागवत ‘आस’
शिक्षाविद, कवयित्री एवं लेखिका
( इंदौर )