आदमी बड़ा चाटुकार है | Aadmi Bada Chatukar
आदमी बड़ा चाटुकार है!
( Aadmi Bada Chatukar Hai )
आदमी बड़ा चाटुकार है-
स्वार्थ देखा नहीं;
कि, झटपट चाटने लगता है।
ऐसी-ऐसी चाटुकारी…
आदमी-आदमी लेकर बैठा है;
कि, वक्त आने पर…
आदमी, आदमी को चाट लेता है।
चाटुकारों की इस दुनिया में,
आदमी इतना चाटुकार है-
अपना काम निकल जाये,
इसकी ख़ातिर…
थूक तक चाट लेता है।
आदमी बड़ा चाटुकार है-
स्वार्थ देखा नहीं;
कि, झटपट चाटने लगता है।
गाँव गली चौराहे सड़क पर…
देखता नहीं वह,
आदमियों की तादात को,
तुरंत, अपने काम में लग जाता है;
रोटी दिखाये कुत्ते की तरह…
लार टपकता, दूम भी हिलाता है।
आदमी, अपनी चाटुकारी…
आदमी-आदमी को दिखाता है-
स्वार्थ देखा नहीं;
कि, झटपट चाटने लग जाता है।
अनिल कुमार केसरी,
भारतीय राजस्थानी