बेजुबानों को प्यार दो | Kavita Bejubano ko Pyar do
बेजुबानों को प्यार दो
( Bejubano ko pyar do )
नन्हे बालक भोले भाले
हाथी घोड़े शेर पाले
पशुओं से प्रेम जताते
खग पखेरू दाने डाले
जीवो पर दया दर्शाते
गले मिलके स्नेह जताते
हिल मिलकर ऐसे रहते
जैसे हो कोई पुराने नाते
कुत्ता बिल्ली हो खरगोश
उत्साह उमंग लाते जोश
ऊंटों की सवारी भाती
मनमोहक मुस्कान आती
कुदरत का श्रंगार जीव
सृष्टि का सुंदर उपहार
पशु पक्षी बेजुबान को
दीजिए थोड़ा सा प्यार
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )