देश प्रेम | Kavita Desh Prem
देश प्रेम
( Desh Prem )
मां, ऐसी मुझे जवानी दे
मर जाऊ, इस देश के खातिर,
शाम सूबा ये, पानी दे
मां ऐसी मुझे जवानी दे ।
नही चाहिये हल्दी, चंदन,
तन को पीला करने को l
देना है तो गर्व से मुझको,
तिलक धारा धूल बलिदानी दो l
मां ऐसी मुझे जवानी दो ।
कैसे मरी झांसी की रानी
आन मान, मरियादा पर
कहा पड़ी वो रक्त से रंजित
वो तलवार पुरानी दो ।
मां ऐसी मुझे जवानी दो ।
रोशन सोनकर
ग्राम व पोस्ट जोनिहां,तहसील बिंदकी,
जनपद फतेहपुर ( उत्तर प्रदेश )