कविता की झंकार | Kavita ki jhankar
कविता की झंकार
( Kavita ki jhankar )
तुकबंदी करते-करते कविता भी करनी आई
अल्फाजों ने जादू फेरा मन में उमंग जगाई
शब्दों की माला पिरोता महके महफिल सारी
गीतों की लड़ियों से गूंजती वो केसर क्यारी
भाव भंगिमा सुरताल साज बाज अल्फाज
काव्य धारा में बह जाए अंतर्मन छिपे राज
मधुर मनोरम शब्द सुरीले कविता की झंकार
कलमकार की लेखनी सृजनशील फनकार
गीत गजल छंद मुक्तक मधुर चौपाई सदाबहार
दोहा दंगल काव्य धारा में बहती पावन रसधार
कभी ओज रस गूंजे मंचों से कवि के मीठे बोल
भाव भरी सरितायें बहे बोल ह्रदय तराजू तोल
शब्दों का खेल निराला बहती कविता गंगधार
मधुर सुरीली मीठी वाणी अपनापन और प्यार
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )