पहला मिलन | Kavita Pahla Milan
पहला मिलन
( Pahla milan )
मेंरे जीवन की अजीब कहानी
मैं सपनों का राजा वह मेरी रानी
आज भी याद मुझको वह आती
वो भोली सी सूरत जो थी पुरानी
याद आता मुझे उनसे पहला मिलन
प्यारी-प्यारी वह सुहानी छुअन।।
चोरी छुपके जब कभी हम मिलते
बोल दो प्यार के वह होल्ले से कहते
आज नही अब कल फिर हम मिलेंगे
लब से मुझको मुस्कुराते हुएं कहते
याद आता मुझे उनसे पहला मिलन
प्यारी-प्यारी वह सुहानी छुअन।।
रुपयो से गरीब पर दिल से अमीर
टूटी हुई खटिया और सूखी हुई रोटी
फिर भी संग हर सुख-दुःख में रहती
छोड़ा नही साथ मुझ पर वह मरती
याद आता मुझे उनसे पहला मिलन
प्यारी-प्यारी वह सुहानी छुअन।।
जब हुआ उस समय का आगाज़
छुआ था उसने मेरे दोनों यह हाथ
डरते शरमाते खो गऐ थें हम ऐसे
फूल पर कोई भवरा मंडरा रहा जैसे
याद आता मुझे उनसे पहला मिलन
प्यारी-प्यारी वह सुहानी छुअन।।