कोई ऐसा मुझे चेहरा नहीं मिलता

कोई ऐसा मुझे चेहरा नहीं मिलता

कोई ऐसा मुझे चेहरा नहीं मिलता

 

 

कोई ऐसा मुझे चेहरा नहीं मिलता!

निभाएं साथ जो ऐसा नहीं मिलता

 

दुखाने दिल आते है लोग मेरा तो

वफ़ा से ही भरा रिश्ता नहीं मिलता

 

खोया हूँ नफ़रतों की भीड़ में मैं तो

मुहब्बत का मगर रस्ता नहीं मिलता

 

यहां खोये है अपनें आप में देखो

किसी से याराना गहरा नहीं मिलता

 

कोई हमसे नहीं मिलता नगर में इस

किसी से दिल यहां मेरा नहीं मिलता

 

करे है तल्ख़ वो बातें मगर आज़म

लबों पे प्यार का लहज़ा नहीं मिलता

 

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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