कृष्ण अवतारी | Krishna Avtari
कृष्ण अवतारी
( Krishna avtari )
कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्यारी
विष्णु बने कृष्ण रूप अवतारी
वासुदेव देवकी सुत वो कहलाए
बाबा नंद यशोदा घर बचपन पाए
नटखट श्याम हुए गोवर्धन गिरिधारी
दधी माखन की किए लीला प्यारी
आगे आगे भाग रहे देखो कृष्ण मुरारी
पीछे पीछे भागे मात यशोदा बेचारी
ग्वाल बाल संग बहुतही रास रचाए
गोपीन संग हैं बहुबिधि रार मचाए
छिछनी भर छांछ के खातिर धाये
बाल सखा मिली संग संग गारी पाए
मारे कंश अरु असुर बहु विधि मारे
अरु मारे नाग जमुना जल अतिभारी
लाज बचाए भरी सभा द्रौपदी की
धर्म के खातिर बने अर्जुन सारथी भी
दे गीता ज्ञान ,अमृत धन दे डाला
धर्म अधर्म के भेद लघु मे कह डाला
कर्म की नीति मे जगत गुरु कहलाए
जन्म मृत्यु का सार कृष्ण बतलाए
सौ सौ बार वंदन नमन कन्हैया लाल की
सौ सौ बार नमन गईया ग्वाल बाल की
जय कृष्ण जय कृष्ण ,कृष्ण हरे हरे
जय राधे श्याम जय राधे श्याम हरे
( मुंबई )