Ghazal | क्या खता थी नजर मिलाना था
क्या खता थी नजर मिलाना था
( Kya Khata Thi Nazer Milana Tha )
समझा रहा समझदारी से ( Samjha rahe samajhdari se ) समझा रहा समझदारी से, साकी यह मयखाने में ! गांधीजी का ध्यान रखो सब,पीने और पिलाने में !!१ सही और असली ‘गांधी’ हो, तब पा सकते हर सुविधा कड़ी सजाऍं होंगी नकली- गांधी के मिल जाने में !!२ सुनकर स्वर विरोध के…
जग को बचाना ! ( Jag ko bachana ) आग से दोस्ती तू कभी न निभाना, बिगड़े हालात से जग को बचाना। नभ,जल,थल से मिसाइलें उठी हैं, खाक में साँसें न किसी की मिलाना। दाग के छींटे किसपे नहीं हैं, काँटों की राहें कहीं न बनाना। पलट करके देखो सियासत है प्यासी, दहशत जहां…
जानम पहला पहला प्यार है जानम पहला पहला प्यार है रात दिन बस तेरा ख़ुमार है नींद आये कैसे यादों में इश्क़ में आंखें बेदार है देखता मैं रहूँ उसको ही खूबसूरत इतना दिलदार है प्यार में डूबा है दिल उसके कर गया आंखों से वार है अब रहा…
तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? ( Tu pyar ki hamesha dil mein chah kar ) तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? नफ़रत की यूं न दिल में तू पनाह कर तू डोर तोड़ मत रिश्तें वफ़ा भरी तू रिश्तें में वफ़ा से ही निबाह कर…
देर तक प्यार की गुफ्तगू खूब की ( Der tak pyar ki guftagu khoob ki ) देर तक प्यार की गुफ़्तगू ख़ूब की उसने सूरत मेरे रू-ब-रू ख़ूब की ख़ा गया हूँ दग़ा उसकी इस बात से प्यार की उसने बातें शुरु ख़ूब की दोस्ती जब से तेरी मेरी हो गयी लोगों…
अब तो उसी की आरजू होने लगी ( Ab to usi ki aarzoo hone lagi ) प्यार की ही ये किसी से गुफ़्तगू होने लगी रात दिन अब तो उसी की आरजू होने लगी खो गया मिलकर हंसी मुखड़ा मुझसे जो भीड़ में शहर की अब हर गली में जुस्तजू होने लगी …