Ghazal | क्या खता थी नजर मिलाना था
क्या खता थी नजर मिलाना था
( Kya Khata Thi Nazer Milana Tha )
मौसम गुलाबी कहाँ है ( Mausam gulabi kahan hai ) मुहब्बत ऐ मौसम गुलाबी कहाँ है! मेरे पास उसकी निशानी कहाँ है उसी का यहाँ नाम बदनाम यूं ही वही दोस्त देखो शराबी कहाँ है क्यों परदेश जाकर मुझे भूल बैठे कि चिट्टी वो आयी तुम्हारी कहाँ है सहे ख़ूब ग़म…
उदासी से भरी है जिंदगी ( Udas se bhari hai zindagi ) मिली मुझको नहीं है जिंदगी में ही ख़ुशी आज़म उदासी से भरी है जिंदगी मेरी बड़ी आज़म नहीं कोई यहां तो दोस्त है इस गांव में अपना अकेले ही यहां तो जिंदगी बस कट रही आज़म निभाया साथ मेरा…
पास मेरे आ हमजोली ( Paas Mere Aa Hamjoli ) पास मेरे आ हमजोली खेलें उल्फ़त की होली ! उल्फ़त को दिल में रख लो मारो नफ़रत को गोली इस जग में सबसे बढ़कर सूरत लगती वो भोली ज़हर न घोलो होली में बोलो मीठी अब बोली प्यार भरी …
ऐसा जहां में देखो हुस्ने शबाब उतरा ( Aisa jahan mein dekho husne shabab utra ) ऐसा जहां में देखो हुस्ने शबाब उतरा जैसे जमीं पे ए यारों आफ़ताब उतरा जिसकी महक ने ही दीवाना बना दिया है दिल में मगर ऐसा वो मेरे गुलाब उतरा उल्फ़त फ़ना दिलों से अब हो…
जन्मदिन उस्ताद का ( Janamdin ustad ka ) है जन्मदिन आज उस्ताद का पुलकित है अब तो ये मन आत्मा अब मनायेंगे ऐसे ही हर साल हम मेरे दिल की तो है इक यही कामना हाँ रहें ताजादम आप हर इक घड़ी ये ही है आपके वास्ते जी दुआ आप पे ख़ुशियों ही बरसात…
यादों में उसकी रोता हूँ यादों में उसकी रोता हूँ! जीवन में इतना तन्हा हूँ छूना मत बिखरुंगा वरना अंदर से इतना टूटा हूँ तोड़ दिया है दिल प्यार भरा उल्फ़त जिससे मैं करता हूँ मैं नफ़रत करने वालो को यार जला दूंगा शोला हूँ वो ही देता है…