लड़कपन | Ladakpan par Bhojpuri kavita
लड़कपन
( Ladakpan )
देखऽ-देखऽ ठेला वाला आइल
ओपे धर के मिठाई लाइल
दु पइसा निकाल के देदऽ
जवन मन करे मिठाई लेलऽ
खुरमा खाजा रसगुल्ला राजा
इमरति अउर चन्दकला बा ताजा
बर्फी, hमलाई हऽ मिठाई के भाई
बुनिया सेव अउर गुलाब जामुन गाजा
आवे ला खाये में खुबे माजा
बाबु जी गइल बाने कमाय
चलऽ दादा-दादी से पइसा पोलाहे
एगो चवन्नी दादा जी से मंगाई
दुसर ला दादी खोजाई
माई के बटुआ में होई पइसा
कइसे मांगी हिचकिचाहट होता
लेकिन मंगले विना मजा ना आई
मिल जाई तऽ पचहत्तर पइसा हो जाई
पचहत्तर पइसा में खुब मिठाई आई
चलऽ सब यार मिल जुल के खाई
ठेहा पे बइठ के गप लड़ाई
आवऽ बचपन के मजा उठाई
कागज में ना ठोंगा में लऽ
सब केहु के ठोंगे-ठोंगे दऽ
ठोंगा के अब भुलाइल जवाना
कहा गइल बहुते बुझाता
चवन्नी अठन्नी ना दिखाई देता
कहां गइल नाही चलल पता
एके साथे नाता रिश्ता छुटल
उ जवाना के प्रेम भी टुटल
Saandar rachna. Bhojpuri ko promote karne ke liye dhanyabad