मैं अछूत हूं | Main Achut Hoon
मैं अछूत हूं
( Main achut hoon )
( Main achut hoon )
ईश वन्दना ( Ish Vandana ) कमल पुष्प अर्पित करना, शिव शम्भू तेरे साथ रहे। इस त्रिभुवन के अरिहंता का,सम्मान हृदय में बना रहे। आँखों के मध्य पुतलियों में, भगवान हमेशा बने रहे, हो दशों दिशा मे नाम सदा, जयकार हमेशा बना रहे। विघ्नहरण गणपति की स्तुति, जो है तारणहार। सदा भवानी दाहिने…
ईश प्रार्थना बल देती है ( Eesh prarthana bal deti hai ) ईश प्रार्थना बल देती, हिम्मत और संबल देती है। आस्था विश्वास प्रेम से, उर में शक्ति भर देती है। मनोकामना पूरी करके, खाली झोली भर देती है। आशाओं के दीप जला,ईश प्रार्थना बल देती है। हर लेते प्रभु संकट सारे,…
अस्तित्व की तलाश ( Astitva ki Talash ) पुरुष प्रधान समाज में अटक रही है नारी, जमीन आसमां के बीच लटक रही है नारी ! सब कुछ होकर भी कुछ पास नहीं उसके, अस्तित्व की तलाश में भटक रही है नारी ! बंदिशों के जाल में फँसी मछली की तरह, खुद से लड़ती किस्मत…
शिक्षक न होते ( Shikshak na hote ) शिक्षक ना होते तब क्या होता ? ये सुंदर , सभ्य संसार ना होता । होने को सब कुछ होता पर , विज्ञान का विस्तार ना होता । फूल भी होती , बाग भी होता , पर वो खुशबूदार ना होता । शिक्षक से ही सुगंध है…
गुमान ( Gumnam ) रखिए ना गुमान किसी की मित्रता पर एक प्रतिशत ही होंगे खड़े जरूरत पर लेखक हो या शिक्षक करते हैं नमन केवल दरश पर अजीब सा बन गया है ढांचा समाज का मतलब से ही व्यवहार है आज का हमदर्दी के बोल ही रहते है अधर पर वक्त पर निकलता…
खाली ( Khali ) गगन को छु रही आज की इमारतें, मगर…इंसान हुआ ज़मीन-बोश है, इन इमारतों में ढूंढता वजूद अपना, वो क्या जाने सब कर्मों का दोष है, ईंट पत्थरों पर इतराता यह इंसान, है कुदरत के इंसाफ से ये अनजान, जब पड़ती उसकी बे-आवाज़ मार, पछताता रह जाता फिर ये नादान, जब…