मन की बातें | Heart touching kavita
मन की बातें
( Man ki baten : Heart touching kavita )
( Man ki baten : Heart touching kavita )
बिना सोचे समझे ( Bina soche samjhe ) कहां जा रहे हो किधर को चलें हो बिन सोंचे समझे बढ़े जा रहे हो। कहीं लक्ष्य से ना भटक तो गये हो ! फिर शान्त के क्यों यहां हम खड़े हो! न पथ का पता है न मंजिल है मालुम दिक् भर्मित होके…
रिमझिम-रिमझिम बारिश आई रिमझिम-रिमझिम बारिश आई। गर्मी सारी दूर भगाई।। बारिश ले कर आये बादल। भीग गया धरती का आँचल।। चली हवाएं करती सन-सन। झूम उठे हैं सबके तन-मन।। बादल प्यारे गीत सुनाते। बच्चे मिलकर धूम मचाते।। जीव जन्तु और खेत हर्षाए। पंछियों ने पँख फैलाए।। बनते घर में मीठे पूड़े। चाय के संग…
काहे के नववर्ष ? ( भोजपुरी भाषा में ) जीवन में जब नइखे कवनो हर्ष, कवन खुशी में मनावल जाओ नववर्ष? कोरोना सब कइलस चौपट, जिंदगी लेलस अइसन करवट! चहुंओर हाहाकार बा, किसान मजदूर भी आंदोलन पर मजबूर बा; अन्नदाता के इ हालत? हो गईल बा। लड़िकन के रोजी रोटी छिनाइल, फिर# ता#रे मारल…
खुद से खुद को हारो ना ( Khud se khud ko haro na ) थक कर बैठ गया पथ पर क्यों खुद से खुद को हारो ना, मन से ही सब जीत हार है मन को अपने मारो ना। अंधकार को चीर निकल चल जल्द सवेरा आयेगा थक कर हार गया गर जीवन तो…
बस रह गई तनहाई ( Bas reh gayi tanhai ) मिट्टी के घर चूने की पुताई गाय का रमहाना गोबर से लिपाई चूल्हे से उठता धुआं खुशबू रोटी की आई नीम के नीचे खटिया अम्मा की चटाई वो ठंडी हवा वो पुरवाई नदिया का पानी वह मंदिर की घंटी छाछ की गिलसिया गुड़ की डीगरिया…
जिंदगी जलेबी है जी ( Zindagi jalebi hai ji ) जिंदगी जलेबी है जी मीठी-मीठी सी रसदार। थोड़ा थोड़ा प्यार है जी थोड़ी थोड़ी तकरार। गोल-गोल लच्छे जैसी जिंदगी है लच्छेदार। रसभरी जलेबी सी टपकती है रस की धार। गांठ गठीली भी है ये जिंदगी रसीली भी है। जलेबी सी नरम नरम अश्कों से…