मंगल मूर्ति सिद्धिविनायक | Mangal Murthy Siddhivinayak

मंगल मूर्ति सिद्धिविनायक

( Mangal Murthy Siddhivinayak ) 

 

गणपति गौरी सुवन गजानंद, लंबोदर महाराज।
मंगलमूर्ति सिद्धिविनायक, वरद विनायक राज।

विद्या वारिधि वरप्रद, हे प्रथम पूज्य गणराज।
एकदंत हे चतुर्भुज स्वामी, मंगल करो काज।

भूपति भूवनपति हे, विघ्नहर्ता गणपति देवा।
गदाधर गजानन गणेश,भोग चढ़े मोदक मेवा

मूषक वाहन श्रीगणेश, रिद्धि सिद्धि भरो भंडार।
महा गणपति कृपा करो, हे यश कीर्ति सुख सार।

मनोमय मृत्युंजय गणपति, पीतांबर तन धारे।
मंगल दायक श्रीगणेश, प्रथम पूज्य देव हमारे।

 

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

हे गणेश प्यारे गजानन | Ganesh Vandana Lyrics

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *