Masoomiyat par Kavita

मासूमियत | Masoomiyat par Kavita

मासूमियत

( Masoomiyat ) 

 

मासूम सी वो भोली भाली सूरत
वो अल्हड़पन इठलाता सा

निश्चल निर्भीक मासूमियत
चेहरा कोई अनजाना सा

दुनिया के आडंबर से दूर
अपने आप में मशगूल

बेखबर जहां के दुष्चक्रो से
खिलता सा प्यारा फूल

मधुर सी मिठास घोलता
प्यार भरे मृदु वचन बोलता

मासूमियत भरी नैनों में
लगा बचपन आंगन में डोलता

 

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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