मौसम गर्मी का
?मौसम गर्मी का ?
अब तो तैयारी कर लो मौसम है आया गर्मी का।
देखो त्याग कर दिया है इस धूप ने भी नर्मी का।।
कहां बूंद शबनमी के वो मंज़र सुहाने कोहरे के!
ना ही सर्द वो हवाएं ना नामो-निशां नमी का।।
मंजर हुए सुनहरे खेतों तालाबों झील के।
ज्यूं श्रृंगार कर दिया है कुदरत ने भी जमीं का।।
ये जीव-जंतु सारे है लगते दुःखी जहां में।
खुद साया तलाश में है छांया की आदमी का।।
हैं तोङते जो पत्थर सङकों पे बेसहारा।
कैसे करेंगे सामना मौसम”कुमार” ज़ुल्मी का।।
?
लेखक: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
यह भी पढ़ें :