मेरी जिंदगी में तू बहार बनकर आई है
मेरी जिंदगी में तू बहार बनकर आई है
खिल उठा मन मेरा, खुशियों की घड़ियां छाई है।
जब से मेरी जिंदगी में तू, बहार बनकर आई है।
मेरी जिंदगी में तू बहार
तेरा हंसना यूं मुस्काना, हौले हौले से गौरी शर्माना।
तुम मेरे दिल की धड़कन हो, गया है दिल दीवाना।
तुझ संग लगती दुनिया प्यारी, मस्त चले पुरवाई है।
गीत सुहाने प्रेम तराने, अधरों पर मुस्काने छाई है।
मेरी जिंदगी में तू बहार
हंसी वादियां मन को भाए, मोरनी सी तू चल आए।
मन मयूरा झूम के नाचे, सावन सी फुहार बरसाए।
मौसम आज हुआ मस्ताना, होंठों पे गजलें छाई है।
धड़कनें संगीत सुनाती, मेरे दिल की रानी आई है।
मेरी जिंदगी में तू बहार
दिल से दिल के तार जुड़े, जनमो जनमो का नाता है।
बस तेरा एहसास दिल को, मन को सुकून दिलाता है।
देखता हूं जब हसीन चेहरा, मेरे मन का चैन चुराई है।
दिल के राजमहल की रानी, सांसों में तू ही समाई है।
मेरी जिंदगी में तू बहार
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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