मिला था निराली मधुर जिंदगी से
मिला था निराली मधुर जिंदगी से
भ्रमर बाग में जब मिला था कली से
मिला था निराली मधुर जिंदगी से
सही और प्यारी सलाह दे रहा हूं
हुनर सीख चलने का चलती घडी से
कभी मैं कभी तू कभी ये कभी वो
मिलेंगे कसम से नयी रोशनी से
जरा गौर कर तू वहां देख प्यारे
खड़ा है सफल आदमी सादगी से
अगर मन में विश्वास श्रद्धा न होंगे
मिलेगा न कुछ भी तुझे बंदगी से
कुमार अहमदाबादी
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