Money Plant
Money Plant

मनी प्लांट

( Money Plant ) 

 

इस मनी प्लांट के आ रहें है आज पांच सौ के नोट,
सतर्क रहना मेरे भाई अब मचेगी यह लूट-खसोट।
बड़ी ही किस्मत वाला है जिसने लगाया ऐसा पौध,
कुछ ही दिनों में आनें लगेगा दो दो हज़ार के नोट।। ‌

कठिन वक्त में भी हंसते रहना ये है मेरी प्रतिक्रिया,
देहरी तभी वह धन्य होगी आएगी घरों में खुशियां।
आशा की किरण मन में जगेगी मिलेगी नयी सीख,
सुख-शांति उसी से मिलती खिल जाती है बगियां।।

सही कर्म वही होता जिसका उद्देश्य ग़लत न होता,
इसी मन को बहलाने खातिर नर क्या-क्या करता।
निरन्तर विफलताओं से कोई निराश कभी न होना,
हर घर में हो ऐसे पेड़ तो सुख प्रसन्नता वहां रहता।।

परिस्थिति अनुसार लगता है सब कुछ यहां अच्छा,
कागज़ के इस नोट को जानता है हर बच्चा बच्चा।
मौक़ा मिले तो मदद करें बस ये ध्यान सभी रखना,
सारथी बनें स्वार्थी नही कहलाता मित्र वही सच्चा।।

युग कितने ही बीत गए पर बदला नही सूरज-चंदा,
एक दूसरे का साथ देते है ये जानवर एवम परिंदा।
ना डूबों पैसों में इतना एवं मत करों लालच ज्यादा,
आखिरकार यही पैसा बन जाता फांसी का फंदा।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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