मुरझायेगे गुल किसे पता था 

मुरझायेगे गुल किसे पता था | Love Ghazal in Hindi Font

मुरझायेगे गुल किसे पता था 

( Murjhayenge gul kise pata hai )

 

मुरझायेगे गुल किसे पता था

तूफान ऐसा यहाँ चला  था

 

यकीन पे दोस्ती करी उससे

करेगा धोखा किसे पता था

 

वफ़ा जिसे दी मुहब्बत में ही

दग़ा उसने प्यार में करा था

 

जिसे सदा दी वफ़ा बहुत ही

वफ़ा में निकला वो बेवफ़ा था

 

वीरान सी जिंदगी लगती थी

वही जब से ही  हुआ जुदा था

 

वो प्यार ही की नजर नहीं थी

फ़रेब से ही  नजर भरा था

 

कहीं नहीं बात दिल की उसने

वही मुझे आज़म देखता था

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *