नसीहत
नसीहत
( Nasihat )
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वह आई
छाई
रहे न बिन वाई फाई
टोकी विमला ताई
देख रहे हैं तुझे सब
ओ माई!
कहां हो खोई?
मोबाइल से नजरें हटाओ
लोगों की नजर से नजर मिलाओ
घुलो मिलो
करो बातें चंद
वरना समझेंगे सभी
है तुझमें घमंड!
यह बात नहीं अच्छी
समझो मेरी बच्ची।


लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।
veero ko shradhanjali-पुलवामा के वीरों को श्रद्धांजलि